मुर्शिदाबाद हिंसा में अब तक 315 लोग गिरफ्तार, दो नाबालिग भी शामिल : बंगाल पुलिस
- By Vinod --
- Friday, 18 Apr, 2025

315 people arrested so far in Murshidabad violence, two minors also included
315 people arrested so far in Murshidabad violence, two minors also included- कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में पिछले सप्ताह वक्फ कानून में संशोधनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में अब तक कुल 315 गिरफ्तारियां की गई हैं, जिनमें दो नाबालिग भी शामिल हैं। पश्चिम बंगाल पुलिस ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक विशेष खंडपीठ के आदेश के तहत तैयार अपनी रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की है।
राज्य के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) जावेद शमीम द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट के अनुसार, अब तक अशांति में शामिल होने के आरोप में कुल 315 लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा हिंसा भड़काने के लिए जिम्मेदार अन्य लोगों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के प्रयास जारी हैं।
इसी रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि दो नाबालिगों को छोड़कर गिरफ्तार किए गए किसी भी व्यक्ति को आज तक जमानत पर रिहा नहीं किया गया है।
पुलिस ने अब तक गलत सूचना और अफवाह फैलाने के लिए कुल 1,257 यूआरएल (यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर) को ब्लॉक किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसा 8 अप्रैल 2025 को रघुनाथगंज थाने के अंतर्गत पीडब्ल्यूडी मैदान में वक्फ कानून के खिलाफ एक आंदोलन से शुरू हुई थी। उस दोपहर अचानक भीड़ बेकाबू हो गई और सरकारी तथा सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने लगी और पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उपद्रवियों के पास घातक हथियार भी थे और उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों से हथियार और गोला-बारूद भी छीन लिए।
पुलिस ने बताया है कि जिला खुफिया शाखा से सूचना मिली थी कि 11 अप्रैल को रघुनाथगंज थाना अंतर्गत उमरपुर, सुती थाना अंतर्गत सजुर मोड़ और समसेरगंज थाना अंतर्गत पुराने डुकबंगला मोड़ में जुमे की नमाज के बाद कुछ “स्थानीय लोगों” द्वारा आंदोलन की आशंका है।
रिपोर्ट में “स्थानीय लोगों” की संलिप्तता की ओर इशारा करने वाली यह बात काफी हद तक राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उन दावों को खारिज करती है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुर्शिदाबाद जिले के उन इलाकों में पिछले लगभग पूरे सप्ताह हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीछे “बाहरी लोग” शामिल थे। साथ ही यह भी सवाल उठाता है कि क्या जिला खुफिया शाखा से मिली सूचनाओं को हल्के में लिया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, शमशेरगंज थाने के अंतर्गत घोषपारा क्षेत्र में रहने वाले हिंदू परिवारों को 12 अप्रैल को वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के एक समूह द्वारा विशेष रूप से निशाना बनाया गया था, जो एक स्थानीय मस्जिद के पास एकत्र हुए थे।
पुलिस रिपोर्ट में कहा गया है, "अगले ही दिन (12 अप्रैल 2025 को) सूचना मिली कि एक उत्तेजित भीड़ कंचनतला मस्जिद के पास एकत्र हुई और समसेरगंज थाने के अंतर्गत घोषपारा में हिंदू परिवारों के घरों में तोड़फोड़ करने की कोशिश की।"
उल्लेखनीय है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति राजा बसु चौधरी की विशेष खंडपीठ ने 12 अप्रैल की शाम को मुर्शिदाबाद में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवानों की तैनाती का आदेश दिया था। खंडपीठ ने कहा कि सांप्रदायिक अशांति को नियंत्रित करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा उठाए गए कदम अपर्याप्त थे। अदालत ने यह भी कहा कि अगर सीएपीएफ की तैनाती पहले की गई होती, तो स्थिति इतनी "गंभीर" और "अस्थिर" नहीं होती।